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Saturday, September 6, 2025

Water Bottling Plant शुरू करने का तरीका: सरकार दे रही है 35% तक सब्सिडी”

 


पानी की बोतल (Water Bottling Plant) का बिज़नेस भारत में तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि मिनरल वॉटर और पैक्ड ड्रिंकिंग वॉटर की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। अगर आप इसे शुरू करना चाहते हैं तो सरकार की ओर से कुछ योजनाओं और सब्सिडी का लाभ भी ले सकते हैं। 


1. बिज़नेस प्लान बनाना

  • सबसे पहले तय करें कि आपको छोटे पैमाने पर (Small Scale) या बड़े पैमाने पर (Large Scale) प्लांट लगाना है।
  •  Market Research करें कि आपके क्षेत्र में पानी की मांग कितनी है और प्रतिस्पर्धा कैसी है।

2. ज़रूरी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन

  1. कंपनी रजिस्ट्रेशन – MSME / Udyam Registration करा सकते हैं।
  2. BIS Certification (ISI Mark) – पैक्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वॉटर के लिए ज़रूरी है।
  3. FSSAI License – खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण से लेना अनिवार्य है।
  4. Pollution Control Board NOC – पानी के स्रोत और डिस्चार्ज के लिए।
  5. Trade License और GST Registration


3. ज़मीन और मशीनरी

  • कम से कम 1000–2000 वर्ग फुट जगह चाहिए।
  • ज़रूरी मशीनें:
    • Water Treatment Plant (RO, UV, Ozonation Unit)
    • Bottle Making Machine (Blow Molding)
    • Filling & Capping Machine
    • Labeling & Packaging Machine

4. निवेश (Investment)

  • छोटे पैमाने पर: ₹15–20 लाख
  • मध्यम पैमाने पर: ₹40–50 लाख
  • बड़े पैमाने पर: ₹1 करोड़ से अधिक

5. सरकार से सब्सिडी और लोन

  1. MSME Loan योजनाएँ – 25%–35% तक सब्सिडी मिल सकती है।
  2. Stand Up India / PMEGP योजना – 10 लाख से 25 लाख तक का लोन और 15%–35% सब्सिडी।
  3. नाबार्ड (NABARD) – ग्रामीण क्षेत्रों में प्लांट लगाने पर सस्ती ब्याज दरों पर ऋण।
  4. State Industrial Policy – कई राज्य सरकारें पानी बॉटलिंग और खाद्य प्रोसेसिंग यूनिट पर अतिरिक्त सब्सिडी देती हैं।


6. मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन

  • होटल, रेस्टोरेंट, शादी-ब्याह, कैटरिंग सर्विस, रेलवे स्टेशन और दुकानों को टार्गेट करें।
  • अपनी ब्रांडिंग (Label & Logo) मजबूत बनाएं।
  • ऑनलाइन सप्लाई और B2B डिस्ट्रीब्यूटर चैनल का इस्तेमाल करें।


संक्षेप में:
अगर आप पानी की बोतल का प्लांट शुरू करना चाहते हैं तो आपको लाइसेंस, मशीनरी, निवेश और सरकार की योजनाओं की जानकारी पहले से लेनी होगी। सरकार MSME, PMEGP और NABARD के तहत लोन और सब्सिडी देती है जिससे शुरुआती पूंजी का बोझ कम हो जाता ।

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