आज के समय में पैकेट फूड का चलन तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में हम आपके लिए लाए हैं बेसन (चने का आटा) और सत्तू (भुना हुआ चना आटा) बनाकर पैकेट फूड का बिजनेस।इस बिजनेस का प्लांट शुरू करने के लिए बाजार अनुसंधान, उचित योजना और सही मशीनरी और प्रक्रियाओं में निवेश का संयोजन शामिल करना चाहिए। अपनी खुद की इकाई शुरू करने में आपकी मदद करने के लिए हमने कुछ यहां चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका दी गई है:
🔍 1. बाजार अनुसंधान और योजना
मांग विश्लेषण: बेसन और सत्तू की स्थानीय और क्षेत्रीय मांग का आकलन करें।
प्रतिस्पर्धी अध्ययन: स्थानीय ब्रांडों और उनकी कीमतों की पहचान करें।
लक्ष्य बाजार: खुदरा विक्रेता, थोक विक्रेता, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ता और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म।
🏭 2. अपने प्लांट का स्केल तय करें
छोटा स्केल: 100–300 किलोग्राम/दिन
मध्यम स्केल: 500–1000 किलोग्राम/दिन
बड़ा स्केल: 2–5 टन/दिन
📝 3. कानूनी औपचारिकताएँ
व्यवसाय पंजीकरण: स्वामित्व, साझेदारी, या प्राइवेट लिमिटेड
FSSAI लाइसेंस: खाद्य उत्पादन के लिए अनिवार्य।
जीएसटी पंजीकरण
उद्यम/एमएसएमई पंजीकरण
प्रदूषण और व्यापार लाइसेंस (राज्य के कानूनों के आधार पर)
🛠️ 4. मशीनरी और उपकरण
बेसन और सत्तू दोनों के लिए, मुख्य मशीनों में शामिल हैं:
सफाई मशीन (पत्थर, धूल हटाने के लिए)
रोस्टिंग मशीन (सत्तू के लिए)
पुल्वराइज़र/ग्राइंडर
छलनी मशीन (एक समान बनावट के लिए)
पैकिंग मशीन (मैनुअल/अर्ध-स्वचालित/स्वचालित)
वजन तराजू
🔧 उदाहरण: 500 किलोग्राम/दिन के प्लांट के लिए, एक अर्ध-स्वचालित इकाई की लागत ₹8-15 लाख हो सकती है।
🧱 5. स्थान और बुनियादी ढाँचा
आवश्यक क्षेत्र: 1000–2000 वर्ग फ़ीट
उपयोगिताएँ: 3-चरण बिजली, पानी, वेंटिलेशन
भंडारण क्षेत्र: कच्ची दालों और तैयार माल के लिए
📦 6. कच्चे माल की खरीद
बेसन के लिए: अच्छी गुणवत्ता वाली चना दाल
सत्तू के लिए: भुना हुआ बंगाल चना (पहले से भुना हुआ या घर में बना हुआ)
स्थानीय किसानों या मंडियों से स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करें।
🧪 7. उत्पादन प्रक्रिया
बेसन के लिए:
सफाई → सुखाना (यदि आवश्यक हो) → पीसना → छानना → पैकिंग
सत्तू के लिए:
भूनना → पीसना → छानना → पैकिंग
📣 8. ब्रांडिंग और मार्केटिंग
आकर्षक पैकेजिंग डिज़ाइन करें (1 किग्रा, 500 ग्राम, 250 ग्राम)।
शुद्धता और परंपरा को उजागर करने वाली एक ब्रांड कहानी बनाएँ।
स्थानीय वितरकों, ऑनलाइन मार्केटप्लेस, सोशल मीडिया का उपयोग करें।
💡 9. प्रो टिप्स
ऑर्गेनिक/प्राकृतिक उत्पाद की स्थिति पर विचार करें।
उच्च स्वच्छता और गुणवत्ता मानकों को बनाए रखें।
फ्लेवर्ड सत्तू, रेडी-टू-मिक्स आइटम जैसे मूल्यवर्धित उत्पाद शामिल करें।
PMFME या MSME योजनाओं के तहत सरकारी सब्सिडी के लिए आवेदन करें।
📊 10. लाभप्रदता और ROI
सकल मार्जिन 20% से 40% तक हो सकता है।
ब्रेक-ईवन अवधि: 1-2 वर्ष, पैमाने और मार्केटिंग पर निर्भर करता है।
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